Murgi Palan Loan Yojana 2025:मुर्गी पालन लोन योजना 2025, जिसे पोल्ट्री फार्म लोन योजना के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं, किसानों, महिलाओं और छोटे उद्यमियों को मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत 9 लाख रुपये तक का लोन और 33% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे लाभार्थी कम लागत में लाभकारी व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई स्वरोजगार योजनाओं का हिस्सा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है।
हम आपको मुर्गी पालन लोन योजना 2025 की विशेषताओं, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया, और लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों का उल्लेख करेंगे।
मुर्गी पालन लोन योजना एक सरकारी समर्थित योजना है, जो पोल्ट्री फार्मिंग (ब्रॉयलर, लेयर, या हैचरी) शुरू करने या विस्तार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना नाबार्ड (NABARD), विभिन्न बैंकों, और पशुपालन विभाग के सहयोग से संचालित होती है। 2025 में, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से प्रचारित है।
लोन राशि: 50,000 रुपये से 9 लाख रुपये तक (प्रोजेक्ट के आधार पर)।
सब्सिडी: सामान्य वर्ग के लिए 25%, SC/ST/विशेष श्रेणी के लिए 33% तक।
ब्याज दर: बैंक और योजना के आधार पर कम ब्याज दर (लगभग 5-8%)।
चुकौती अवधि: 5-7 वर्ष (मोरेटोरियम अवधि सहित)।
उद्देश्य: मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करना, मौजूदा फार्म का विस्तार, या उपकरण खरीदना।
लाभार्थी: किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं, और छोटे उद्यमी।
नोट: कुछ राज्यों (जैसे बिहार) में सब्सिडी 40% तक हो सकती है, और लोन राशि 40 लाख रुपये तक जा सकती है।
मुर्गी पालन लोन योजना 2025 प्रमुख विशेषताएं
लोन राशि:
छोटे पैमाने के फार्म (बैकयार्ड पोल्ट्री): 50,000 से 2 लाख रुपये।
वाणिज्यिक फार्म (लेयर/ब्रॉयलर): 5 लाख से 9 लाख रुपये तक।
बिहार में: 3 लाख से 40 लाख रुपये तक (प्रोजेक्ट के आधार पर)।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत भी 10 लाख रुपये तक लोन उपलब्ध।
सब्सिडी:
सामान्य वर्ग: 25% (अधिकतम 2.25 लाख रुपये 9 लाख लोन पर)।
SC/ST/महिलाएं/विशेष श्रेणी: 33% (अधिकतम 2.97 लाख रुपये 9 लाख लोन पर)।
बिहार में: 30-40% सब्सिडी (लेयर/ब्रॉयलर फार्म के लिए)।
सब्सिडी सीधे बैंक खाते में जमा होती है और वापस नहीं करनी पड़ती।
ब्याज दर:
सामान्य बैंकों में: 7-10% प्रति वर्ष।
नाबार्ड/सहकारी बैंकों में: 5-8% (विशेष श्रेणी के लिए कम)।
PMMY के तहत: शिशु (50,000 तक), किशोर (50,001-5 लाख), तरुण (5-10 लाख) लोन कम ब्याज पर।
चुकौती अवधि:
5-7 वर्ष, जिसमें 6-12 महीने की मोरेटोरियम अवधि शामिल।
लोन EMI में चुकाया जा सकता है।
लोन देने वाले बैंक:
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
बैंक ऑफ इंडिया (BOI)
आईडीबीआई बैंक
फेडरल बैंक
आईसीआईसीआई बैंक
एचडीएफसी बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक
प्रोजेक्ट कवरेज:
मुर्गी शेड निर्माण
चूजे और फीड खरीद
उपकरण (वाटरर, फीडर, वेंटिलेशन सिस्टम)
टीकाकरण और स्वास्थ्य प्रबंधन
कार्यशील पूंजी
प्रशिक्षण:
कुछ राज्यों (जैसे छत्तीसगढ़, बिहार) में मुफ्त प्रशिक्षण उपलब्ध।
नाबार्ड और पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम।
मुर्गी पालन लोन योजना के लाभ
आर्थिक सहायता:
9 लाख रुपये तक का लोन और 33% तक की सब्सिडी व्यवसाय शुरू करने की लागत को कम करती है।
कम ब्याज दरें लोन चुकाने में आसानी प्रदान करती हैं।
स्वरोजगार:
ग्रामीण बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर।
शहरों की ओर पलायन रोकने में मदद।
लाभकारी व्यवसाय:
मुर्गी पालन में कम निवेश और तेज रिटर्न (अंडे और मांस की बढ़ती मांग)।
छोटे पैमाने पर शुरू करके स्केल-अप संभव।
सब्सिडी लाभ:
SC/ST और महिलाओं को उच्च सब्सिडी (33%)।
सामान्य वर्ग को 25% सब्सिडी।
लचीलापन:
लेयर (अंडे) या ब्रॉयलर (मांस) फार्म शुरू करने का विकल्प।
छोटे से लेकर बड़े पैमाने के प्रोजेक्ट के लिए लोन।
सुरक्षा:
सरकारी समर्थन और नाबार्ड की भागीदारी से विश्वसनीयता।
कुछ योजनाओं में मुर्गियों के लिए बीमा सुविधा।
मुर्गी पालन लोन योजना पात्रता मानदंड
मुर्गी पालन लोन योजना के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें हैं:
नागरिकता:
आवेदक भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए।
आयु:
न्यूनतम 18 वर्ष।
कुछ बैंकों में अधिकतम आयु सीमा 60-65 वर्ष।
जमीन:
मुर्गी फार्म के लिए न्यूनतम 3 एकड़ जमीन (या प्रोजेक्ट के अनुसार)।
जमीन का मालिकाना हक प्रमाण पत्र (लगान रसीद, L.P.C., या लीज एग्रीमेंट)।
प्रशिक्षण:
कुछ राज्यों में मुर्गी पालन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र अनिवार्य (जैसे बिहार)।
नाबार्ड या सरकारी संस्थानों से प्रशिक्षण मान्य।
वर्ग:
सामान्य, SC/ST, OBC, महिलाएं, और अन्य विशेष श्रेणी के लोग पात्र।
SC/ST और महिलाओं को अतिरिक्त सब्सिडी।
क्रेडिट इतिहास:
अच्छा क्रेडिट स्कोर (CIBIL)।
कोई डिफॉल्ट न हो।
प्रोजेक्ट योजना:
मुर्गी फार्म की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR)।
मुर्गियों की संख्या और प्रकार (लेयर/ब्रॉयलर) का विवरण।
राज्य सरकार की पशुपालन विभाग वेबसाइट (जैसे बिहार: goat1920.ahdbihar.in)
आवेदन फॉर्म खोजें:
होम पेज पर “Murgi Palan Loan Yojana” या “Poultry Farm Loan Scheme” लिंक पर क्लिक करें।
“Apply Now” या “आवेदन करें” विकल्प चुनें।
फॉर्म भरें:
व्यक्तिगत विवरण: नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर।
प्रोजेक्ट विवरण: फार्म का प्रकार, लागत, मुर्गियों की संख्या।
लोन राशि और सब्सिडी श्रेणी चुनें।
दस्तावेज अपलोड करें:
सभी आवश्यक दस्तावेज (आधार, पैन, जमीन प्रमाण, DPR) स्कैन करके अपलोड करें।
सुनिश्चित करें कि फाइलें PDF/JPG फॉर्मेट में हों।
सबमिट करें:
फॉर्म चेक करें और “Submit” बटन पर क्लिक करें।
आवेदन संख्या (Application ID) नोट करें।
प्रिंटआउट लें:
आवेदन फॉर्म का प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रखें।
बैंक/पशुपालन विभाग में जमा करें (यदि आवश्यक हो)।
सत्यापन:
बैंक/नाबार्ड अधिकारी दस्तावेज और प्रोजेक्ट साइट का सत्यापन करेंगे।
स्वीकृति के बाद लोन और सब्सिडी राशि खाते में जमा होगी।
मुर्गी पालन लोन योजना ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
नजदीकी बैंक/पशुपालन कार्यालय जाएं:
अपने क्षेत्र के बैंक (SBI, PNB, आदि) या पशुपालन विभाग कार्यालय में संपर्क करें।
नाबार्ड/सहकारी बैंक शाखा भी उपयुक्त।
आवेदन फॉर्म प्राप्त करें:
“Murgi Palan Loan Yojana” फॉर्म मांगें।
कुछ राज्यों में पशुपालन विभाग से फॉर्म मिलता है।
फॉर्म भरें:
सभी आवश्यक विवरण (नाम, पता, प्रोजेक्ट, लोन राशि) सावधानी से भरें।
DPR और अन्य दस्तावेज संलग्न करें।
दस्तावेज जमा करें:
स्व-प्रमाणित दस्तावेजों की फोटोकॉपी और मूल जमा करें।
बैंक/विभाग मूल दस्तावेज सत्यापित करेगा।
सत्यापन और स्वीकृति:
बैंक/पशुपालन विभाग प्रोजेक्ट और क्रेडिट इतिहास की जांच करेगा।
स्वीकृति के बाद लोन राशि खाते में आएगी।
नोट: बिहार में आवेदन “पहले आओ, पहले पाओ” आधार पर स्वीकार होते हैं।
मुर्गी पालन लोन योजना: सब्सिडी कैसे प्राप्त करें?
सब्सिडी पात्रता:
SC/ST/महिलाएं: 33% (अधिकतम 2.97 लाख रुपये)।
सामान्य वर्ग: 25% (अधिकतम 2.25 लाख रुपये)।
कुछ राज्यों में 40% तक (जैसे बिहार)।
प्रक्रिया:
लोन स्वीकृति के बाद सब्सिडी के लिए अलग से आवेदन करें (बैंक/पशुपालन विभाग में)।
प्रोजेक्ट सत्यापन (फार्म स्थापना, मुर्गियों की संख्या)।
सब्सिडी राशि सीधे बैंक खाते में जमा होती है।
शर्तें:
फार्म कम से कम 5 वर्ष तक चलाना अनिवार्य।
लोन का नियमित भुगतान करना।
उदाहरण:
9 लाख लोन:
SC/ST: 2.97 लाख रुपये सब्सिडी (33%)।
सामान्य: 2.25 लाख रुपये सब्सिडी (25%)।
चुकाने योग्य: 6.03-6.75 लाख रुपये (5-7 वर्ष में)।
FAQs – मुर्गी पालन लोन योजना 2025
1. मुर्गी पालन लोन योजना में अधिकतम लोन राशि कितनी है? 9 लाख रुपये (कुछ राज्यों में 40 लाख तक)।
2. सब्सिडी कितनी मिलती है? सामान्य वर्ग: 25%, SC/ST/महिलाएं: 33%। बिहार में 30-40% तक।
3. लोन के लिए जमीन जरूरी है? हां, न्यूनतम 3 एकड़ जमीन और मालिकाना हक प्रमाण पत्र।
4. आवेदन कहां करें? नाबार्ड, बैंक (SBI, PNB), पशुपालन विभाग, या ऑनलाइन (mudra.org.in, udyamimitra.in)।
5. क्या प्रशिक्षण अनिवार्य है? कुछ राज्यों (जैसे बिहार) में हां, लेकिन मुफ्त प्रशिक्षण उपलब्ध।
निष्कर्ष
मुर्गी पालन लोन योजना 2025 ग्रामीण और शहरी बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार का सुनहरा अवसर है। 9 लाख रुपये तक का लोन और 33% तक की सब्सिडी के साथ, आप कम लागत में लाभकारी पोल्ट्री फार्म शुरू कर सकते हैं। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करती है।
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